।।चिरस्थाई भद्रकाल।।

19 Likes 1 Comment
  • Save

नवरात्रों में नवदुर्गा के नवरुपों का वंदन करते।

मां शक्ति के उपासक भक्त बड़े हैं बनते।

जो बेटी को जन्म लेने से पहले ही मार गिराते।

फिर रक्त भरे हाथों से देवी को भोग लगाते।

ये कैसा विरोधाभास;ये कैसी विडंबना,

वेदना की वंदना; वंदना से वेदना।

गर्भ की कन्याओं का जो

वंश के नाम होता संहार,

क्यूँ शक्ति के नाम पर नौ दिनो का होता उपवास?

कहाँ मिलेंगी कंजके,जहाँ गर्भ होता उनका अंतिम आवास?

कभी मन्त्र से, कभी जाप से मनुज तुमको छलता है,

मत आओ इस धरती पर हे देवी,

यहाँ तो “चिरस्थाई भद्रकाल”चलता है!!

#दुर्गापूजा #बेटीबचाओ

  • Save

You might like

About the Author: Vinita Nahata

1 Comment

Leave a Reply

0 Shares 2.2K views
Share via
Copy link
Powered by Social Snap